Author: लिटरेचर इन इंडिया

Posted on: December 27, 2022 Posted by: लिटरेचर इन इंडिया Comments: 0

आधुनिक हिंदी पद्य का इतिहास

आधुनिक काल 1850 से हिंदी साहित्य के इस युग को भारत में राष्ट्रीयता के बीज अंकुरित होने लगे थे। स्वतंत्रता संग्राम लड़ा और जीता गया। छापेखाने का आविष्कार हुआ, आवागमन के साधन आम आदमी के जीवन का हिस्सा बने, जन संचार के विभिन्न साधनों का विकास हुआ, रेडिओ, टी वी व समाचार पत्र हर घर का हिस्सा बने और शिक्षा हर व्यक्ति का मौलिक अधिकार। इन सब परिस्थितियों का प्रभाव…

Posted on: December 25, 2022 Posted by: लिटरेचर इन इंडिया Comments: 0

सूरज की पेशी – कन्हैया लाल नंदन

आँखों में रंगीन नज़ारे सपने बड़े-बड़े भरी धार लगता है जैसे बालू बीच खड़े। बहके हुए समंदर मन के ज्वार निकाल रहे दरकी हुई शिलाओं में खारापन डाल रहे मूल्य पड़े हैं बिखरे जैसे शीशे के टुकड़े! नजरों के ओछेपन जब इतिहास रचाते हैं पिटे हुए मोहरे पन्ना-पन्ना भर जाते हैं बैठाए जाते हैं सच्चों पर पहरे तगड़े। अंधकार की पंचायत में सूरज की पेशी किरणें ऐसे करें गवाही जैसे…

Posted on: December 25, 2022 Posted by: लिटरेचर इन इंडिया Comments: 0

नदी की कहानी – कन्हैया लाल नंदन

नदी की कहानी कभी फिर सुनाना, मैं प्यासा हूँ दो घूँट पानी पिलाना। मुझे वो मिलेगा ये मुझ को यकीं है बड़ा जानलेवा है ये दरमियाना मुहब्बत का अंजाम हरदम यही था भँवर देखना कूदना डूब जाना। अभी मुझ से फिर आप से फिर किसी से मियाँ ये मुहब्बत है या कारखाना। ये तन्हाईयाँ, याद भी, चांदनी भी, गज़ब का वज़न है सम्भल के उठाना। अगर आप भी लिखते है…

Posted on: December 25, 2022 Posted by: लिटरेचर इन इंडिया Comments: 0

कन्हैयालाल नंदन का जीवन परिचय

डाक्टर कन्हैयालाल नंदन (१ जुलाई १९३३ – २५ सितम्बर १०१०) हिन्दी के वरिष्ठ पत्रकार, साहित्यकार, मंचीय कवि और गीतकार थे। पराग, सारिका और दिनमान जैसी पत्रिकाओं में बतौर संपादक अपनी छाप छोड़ने वाले नंदन ने कई किताबें भी लिखीं। कन्हैयालाल नंदन को भारत सरकार के पद्मश्री पुरस्कार के अलावा भारतेन्दु पुरस्कार और नेहरू फेलोशिप पुरस्कार से भी नवाजा गया। कन्हैयालाल नंदन का जीवन उनका जन्म उत्तर प्रदेश के…

Posted on: December 17, 2022 Posted by: लिटरेचर इन इंडिया Comments: 0

कैदी – आचार्य चतुरसेन शास्त्री

‘आप मेरे मुरब्बी और श्रद्धास्पद हैं. आप इतना आग्रह करते हैं, तो मैं सब कहूंगा. निस्सन्देह आपकी कृपा और प्यार को मैं नहीं भूल सकता. कल मैं इस जेल से छोड़ दिया जाऊंगा, फिर मैं आपका यह प्यार, यह दयापूर्ण व्यवहार, यह पिता के समान पीठ पर थपकियां कहां पाऊंगा, जो गत पांच वर्षों से मेरे जीवन का सहारा रही हैं. यहां आपने मुझे इस प्रिय कोठरी में बंद सुरक्षित…

Posted on: December 17, 2022 Posted by: लिटरेचर इन इंडिया Comments: 0

हल्दी घाटी में – आचार्य चतुरसेन शास्त्री

वर्षा ऋतु थी, लेकिन पानी नहीं बरसता था। हवा बन्द थी। बहुत गर्मी और उमस थी। एक पहर दिन चढ़ चुका था। कभी-कभी धूप चमक जाती थी। आकाश में बादल छाये हुए थे। अरावली की पहाड़ियों में, हल्दी घाटी की दाहिनी ओर एक ऊँची चोटी पर, दो आदमी जल्दी-जल्दी अपने शरीर पर हथियार सजा रहे थे। एक आदमी बलिष्ठ शरीर, लम्बे कद, चौड़ी छाती वाला था। उसकी घनी और काली…

Posted on: March 22, 2022 Posted by: लिटरेचर इन इंडिया Comments: 0

हिंदी साहित्य में भक्ति काल

हिन्दी साहित्य के इतिहास में भक्ति काल महत्वपूर्ण स्थान रखता है। आदिकाल के बाद आये इस युग को ‘पूर्व मध्यकाल’ भी कहा जाता है। इसकी समयावधि 1375 वि.सं से 1700 वि.सं तक की मानी जाती है। यह हिंदी साहित्य का श्रेष्ठ युग है जिसको जॉर्ज ग्रियर्सन ने स्वर्णकाल, श्यामसुन्दर दास ने स्वर्णयुग, आचार्य राम चंद्र शुक्ल ने भक्ति काल एवं हजारी प्रसाद द्विवेदी ने लोक जागरण कहा। सम्पूर्ण साहित्य के…

Posted on: November 13, 2021 Posted by: लिटरेचर इन इंडिया Comments: 0

ओमा शर्मा का जीवन परिचय

ओमा शर्मा का परिचय जन्म : ११ जनवरी १९६३, दीघी गांव, बुलन्दशहर, उत्तरप्रदेश शिक्षा : एम. ए., एम. फिल(अर्थशास्त्र) लेखन : अर्थशास्त्र के सैद्धांतिक एवं व्यवहारिक पक्षों पर शोध व लेखन प्रमुख पत्र – पत्रिकाओं में कहानियां प्रकाशित जनसत्ता में दो बरस तक ‘दुनिया मेरे आगे’ स्तंभ के लिये नियमित लेखन जीवनी परक लेखन में गहरी दिलचस्पी ओमा शर्मा की प्रकाशित कृतियाँ कहानी ग्लोबलाइजेशन मर्ज कारोबार महत्तम –…

Posted on: September 26, 2021 Posted by: लिटरेचर इन इंडिया Comments: 0

एस. आर. हरनोट का जीवन परिचय

एस. आर. हरनोट का जन्म २२ जनवरी १९५५ , हिमाचल प्रदेश के जिला शिमला की पंचायत व गाँव चनावग में. एस. आर. हरनोट की शिक्षा बी.ए (आनर्स), एम.ए (हिन्दी), पत्रकारिता, लोक सम्पर्क एवं प्रचार-प्रसार में उपाधि पत्र. एस. आर. हरनोट का कार्यक्षेत्र वर्ष १९७३ से वर्ष १९७७ तक प्रदेश सरकार के औद्यौगिक विभाग की भूगर्भ शाखा में लिपिक के पद पर कार्य तथा उसके बाद हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम…

Posted on: July 19, 2021 Posted by: लिटरेचर इन इंडिया Comments: 0

उर्मिला शिरीष

उर्मिला शिरीष हमारे दौर की सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण कथाकारों में से एक हैं. उन्होंने ढेरों कहानियां लिखीं और हर वर्ग द्वारा सराही गईं. – आज तक उर्मिला शिरीष का परिचय अगर उनका औपचारिक परिचय लिखें तो, उर्मिला शिरीष का जन्म 9 अप्रैल, 1959 को मध्य प्रदेश में हुआ. उन्होंने हिंदी से एम.ए. पी.एचडी. और डी.लिट्. की उपाधि आद्योपान्त प्रथम श्रेणी में प्राप्त की. उनके द्वारा लिखी या संपादित पुस्तकों की गिनती…

Posted on: July 16, 2021 Posted by: लिटरेचर इन इंडिया Comments: 0

उपेन्द्र नाथ अश्क

उपेन्द्र नाथ अश्क (१९१०- १९ जनवरी १९९६) उर्दू एवं हिन्दी के प्रसिद्ध कथाकार तथा उपन्यासकार थे। ये अपनी पुस्तक स्वयं ही प्रकाशित करते थे। उपेन्द्रनाथ अश्क का परिचय ‘अश्क’ का जन्म जालन्धर, पंजाब में हुआ। जालन्धर में प्रारम्भिक शिक्षा लेते समय ११ वर्ष की आयु से ही वे पंजाबी में तुकबंदियाँ करने लगे थे। कला स्नातक होने के बाद उन्होंने अध्यापन का कार्य शुरू किया तथा विधि की परीक्षा विशेष योग्यता के साथ पास की। अश्क जी ने अपना साहित्यिक…

Posted on: July 15, 2021 Posted by: लिटरेचर इन इंडिया Comments: 0

उदय प्रकाश

उदय प्रकाश (जन्म : १ जनवरी १९५२) चर्चित कवि, कथाकार, पत्रकार और फिल्मकार हैं। आपकी कुछ कृतियों के अंग्रेज़ी, जर्मन, जापानी एवं अन्य अंतरराष्ट्रीय भाषाओं में अनुवाद भी उपलब्ध हैं। लगभग समस्त भारतीय भाषाओं में रचनाएं अनूदित हैं। इनकी कई कहानियों के नाट्यरूपंतर और सफल मंचन हुए हैं। ‘उपरांत’ और ‘मोहन दास’ के नाम से इनकी कहानियों पर फीचर फिल्में भी बन चुकी हैं, जिसे अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिल चुके हैं।…