Posted on: December 25, 2022 Posted by: लिटरेचर इन इंडिया Comments: 0
nadi ki kahani kavita by kanhaiyalal nandan

नदी की कहानी कभी फिर सुनाना,
मैं प्यासा हूँ दो घूँट पानी पिलाना।

मुझे वो मिलेगा ये मुझ को यकीं है
बड़ा जानलेवा है ये दरमियाना

मुहब्बत का अंजाम हरदम यही था
भँवर देखना कूदना डूब जाना।

अभी मुझ से फिर आप से फिर किसी से
मियाँ ये मुहब्बत है या कारखाना।

ये तन्हाईयाँ, याद भी, चांदनी भी,
गज़ब का वज़न है सम्भल के उठाना।

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साहित्य: team@literatureinindia.in

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