कविता, कहानी, ग़ज़ल, गीत, पौराणिक, धार्मिक एवं अन्य विधाओं का मायाजाल

premchand ki kahani

घर जमाई – मुंशी प्रेमचंद

हरिधन जेठ की दुपहरी में ऊख में पानी देकर आया और बाहर बैठा रहा। घर में से धुआँ उठता नजर आता था। छन-छन की आवाज…

नशा – मुंशी प्रेमचंद

ईश्वरी एक बड़े जमींदार का लड़का था और मैं एक गरीब क्लर्क का, जिसके पास मेहनत-मजूरी के सिवा और कोई जायदाद न थी। हम दोनों…