Tag: madhubani

Posted on: December 23, 2017 Posted by: लिटरेचर इन इंडिया Comments: 2

हम सिसक सिसक सो जाते है

तेरा मेरी गली से गुजरना, मेरी नजरों पे आके वो रुकना । उन यादों के दामन थामे, हम संभल-संभल रुक जाते हैं।। तेरी बातों पे मेरा बिखरना, मेरे साये से तेरा लिपटना। उन लम्हों को पास यू पाके, हम मचल-मचल रह जाते हैं।। तेरी रातों में मेरा वो सपना, मेरी सुबहो में तेरा वो जगना। उन यादों को दिल से लगा के, हम सिसक-सिसक सो जाते है।। – स्मृति शंकर…