कविता, कहानी, ग़ज़ल, गीत, पौराणिक, धार्मिक एवं अन्य विधाओं का मायाजाल

ekant shrivastav

भाई की चिठ्ठी – एकांत श्रीवास्तव

हर पंक्ति जैसे फूलों की क्यारी है जिसमें छुपे काँटों को वह नहीं जानता वह नहीं जानता कि दो शब्दों के बीच भयंकर साँपों की…