शहर – अरुण कमल
कोई शहर जब कोई एक का होता है
तब वो शहर शहर नहीं होता
उतरते हवाई जहाज से देखता हूं जब
रौशनियों से खचाखच शहर
कोई शहर जब कोई एक का होता है
तब वो शहर शहर नहीं होता
उतरते हवाई जहाज से देखता हूं जब
रौशनियों से खचाखच शहर
अरुण कमल का वास्तविक नाम ‘अरुण कुमार’ है। साहित्यिक लेखन के लिए उन्होंने ‘अरुण कमल’ नाम अपनाया और यही नाम उनकी स्वाभाविक पहचान बन गया है। उनका जन्म 15 फरवरी 1954 ई० को बिहार के रोहतास जिले के नासरीगंज में हुआ था। पेशे से वे पटना विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग में प्राध्यापक हैं।