Category: अरुण प्रकाश

Posted on: November 20, 2019 Posted by: लिटरेचर इन इंडिया Comments: 0

नहान – अरुण प्रकाश

मैं जब उस मकान में नया पड़ोसी बना तो मकान मालिक ने हिदायत दी थी – “ बस तुम नहान से बच कर रहना। उसके मुंह नहीं लगना। कुछ भी बोले तो ज़ुबान मत खोलना। नहान ज़ुबान की तेज़ है। इस मकान में कोई १८ सालों से रहती है। उसे नहाने की बीमारी है। सवेरे, दोपहर, शाम, रात। चार बार नहाती है। बाथरूम एक है। इसलिये बाकी पांच किरायेदार उससे…