कैदी – आचार्य चतुरसेन शास्त्री
‘आप मेरे मुरब्बी और श्रद्धास्पद हैं. आप इतना आग्रह करते हैं, तो मैं सब कहूंगा. निस्सन्देह आपकी कृपा और प्यार को मैं नहीं भूल सकता.…
3 months पूर्व
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‘आप मेरे मुरब्बी और श्रद्धास्पद हैं. आप इतना आग्रह करते हैं, तो मैं सब कहूंगा. निस्सन्देह आपकी कृपा और प्यार को मैं नहीं भूल सकता.…
वर्षा ऋतु थी, लेकिन पानी नहीं बरसता था। हवा बन्द थी। बहुत गर्मी और उमस थी। एक पहर दिन चढ़ चुका था। कभी-कभी धूप चमक…
आचार्य चतुरसेन शास्त्री (26 अगस्त 1891 – 2 फ़रवरी 1960) हिन्दी भाषा के एक महान उपन्यासकार थे। इनका अधिकतर लेखन ऐतिहासिक घटनाओं पर आधारित है।…