सूरज की पेशी – कन्हैया लाल नंदन
आँखों में रंगीन नज़ारे सपने बड़े-बड़े भरी धार लगता है जैसे बालू बीच खड़े। बहके हुए समंदर मन के ज्वार निकाल रहे दरकी हुई शिलाओं…
3 months पूर्व
कविता, कहानी, ग़ज़ल, गीत, पौराणिक, धार्मिक एवं अन्य विधाओं का मायाजाल
आँखों में रंगीन नज़ारे सपने बड़े-बड़े भरी धार लगता है जैसे बालू बीच खड़े। बहके हुए समंदर मन के ज्वार निकाल रहे दरकी हुई शिलाओं…
नदी की कहानी कभी फिर सुनाना, मैं प्यासा हूँ दो घूँट पानी पिलाना। मुझे वो मिलेगा ये मुझ को यकीं है बड़ा जानलेवा है ये…
डाक्टर कन्हैयालाल नंदन (१ जुलाई १९३३ - २५ सितम्बर १०१०) हिन्दी के वरिष्ठ पत्रकार, साहित्यकार, मंचीय कवि और गीतकार थे। पराग, सारिका और दिनमान जैसी…