Category: साहित्य स्तम्भ

Posted on: December 25, 2022 Posted by: लिटरेचर इन इंडिया Comments: 0

सूरज की पेशी – कन्हैया लाल नंदन

आँखों में रंगीन नज़ारे सपने बड़े-बड़े भरी धार लगता है जैसे बालू बीच खड़े। बहके हुए समंदर मन के ज्वार निकाल रहे दरकी हुई शिलाओं में खारापन डाल रहे मूल्य पड़े हैं बिखरे जैसे शीशे के टुकड़े! नजरों के ओछेपन जब इतिहास रचाते हैं पिटे हुए मोहरे पन्ना-पन्ना भर जाते हैं बैठाए जाते हैं सच्चों पर पहरे तगड़े। अंधकार की पंचायत में सूरज की पेशी किरणें ऐसे करें गवाही जैसे…

Posted on: December 25, 2022 Posted by: लिटरेचर इन इंडिया Comments: 0

नदी की कहानी – कन्हैया लाल नंदन

नदी की कहानी कभी फिर सुनाना, मैं प्यासा हूँ दो घूँट पानी पिलाना। मुझे वो मिलेगा ये मुझ को यकीं है बड़ा जानलेवा है ये दरमियाना मुहब्बत का अंजाम हरदम यही था भँवर देखना कूदना डूब जाना। अभी मुझ से फिर आप से फिर किसी से मियाँ ये मुहब्बत है या कारखाना। ये तन्हाईयाँ, याद भी, चांदनी भी, गज़ब का वज़न है सम्भल के उठाना। अगर आप भी लिखते है…

Posted on: December 25, 2022 Posted by: लिटरेचर इन इंडिया Comments: 0

कन्हैयालाल नंदन का जीवन परिचय

डाक्टर कन्हैयालाल नंदन (१ जुलाई १९३३ – २५ सितम्बर १०१०) हिन्दी के वरिष्ठ पत्रकार, साहित्यकार, मंचीय कवि और गीतकार थे। पराग, सारिका और दिनमान जैसी पत्रिकाओं में बतौर संपादक अपनी छाप छोड़ने वाले नंदन ने कई किताबें भी लिखीं। कन्हैयालाल नंदन को भारत सरकार के पद्मश्री पुरस्कार के अलावा भारतेन्दु पुरस्कार और नेहरू फेलोशिप पुरस्कार से भी नवाजा गया। कन्हैयालाल नंदन का जीवन उनका जन्म उत्तर प्रदेश के…

Posted on: December 17, 2022 Posted by: लिटरेचर इन इंडिया Comments: 0

कैदी – आचार्य चतुरसेन शास्त्री

‘आप मेरे मुरब्बी और श्रद्धास्पद हैं. आप इतना आग्रह करते हैं, तो मैं सब कहूंगा. निस्सन्देह आपकी कृपा और प्यार को मैं नहीं भूल सकता. कल मैं इस जेल से छोड़ दिया जाऊंगा, फिर मैं आपका यह प्यार, यह दयापूर्ण व्यवहार, यह पिता के समान पीठ पर थपकियां कहां पाऊंगा, जो गत पांच वर्षों से मेरे जीवन का सहारा रही हैं. यहां आपने मुझे इस प्रिय कोठरी में बंद सुरक्षित…

Posted on: December 17, 2022 Posted by: लिटरेचर इन इंडिया Comments: 0

हल्दी घाटी में – आचार्य चतुरसेन शास्त्री

वर्षा ऋतु थी, लेकिन पानी नहीं बरसता था। हवा बन्द थी। बहुत गर्मी और उमस थी। एक पहर दिन चढ़ चुका था। कभी-कभी धूप चमक जाती थी। आकाश में बादल छाये हुए थे। अरावली की पहाड़ियों में, हल्दी घाटी की दाहिनी ओर एक ऊँची चोटी पर, दो आदमी जल्दी-जल्दी अपने शरीर पर हथियार सजा रहे थे। एक आदमी बलिष्ठ शरीर, लम्बे कद, चौड़ी छाती वाला था। उसकी घनी और काली…

Posted on: July 16, 2021 Posted by: लिटरेचर इन इंडिया Comments: 0

उपेन्द्र नाथ अश्क

उपेन्द्र नाथ अश्क (१९१०- १९ जनवरी १९९६) उर्दू एवं हिन्दी के प्रसिद्ध कथाकार तथा उपन्यासकार थे। ये अपनी पुस्तक स्वयं ही प्रकाशित करते थे। उपेन्द्रनाथ अश्क का परिचय ‘अश्क’ का जन्म जालन्धर, पंजाब में हुआ। जालन्धर में प्रारम्भिक शिक्षा लेते समय ११ वर्ष की आयु से ही वे पंजाबी में तुकबंदियाँ करने लगे थे। कला स्नातक होने के बाद उन्होंने अध्यापन का कार्य शुरू किया तथा विधि की परीक्षा विशेष योग्यता के साथ पास की। अश्क जी ने अपना साहित्यिक…

Posted on: July 13, 2021 Posted by: लिटरेचर इन इंडिया Comments: 0

इस्मत चुग़ताई

इस्मत चुग़ताई (उर्दू: عصمت چغتائی‎) (जन्म: 21 अगस्त 1915-निधन: 24 अक्टूबर 1991) भारत से उर्दू की एक लेखिका थीं। उन्हें ‘इस्मत आपा’ के नाम से भी जाना जाता है। वे उर्दू साहित्य की सर्वाधिक विवादास्पद और सर्वप्रमुख लेखिका थीं, जिन्होंने महिलाओं के सवालों को नए सिरे से उठाया। उन्होंने निम्न मध्यवर्गीय मुस्लिम तबक़े की दबी-कुचली सकुचाई और कुम्हलाई लेकिन जवान होती लड़कियों की मनोदशा को उर्दू कहानियों व उपन्यासों में…

Posted on: July 12, 2021 Posted by: लिटरेचर इन इंडिया Comments: 0

इलाचन्द्र जोशी का जीवन परिचय

इलाचन्द्र जोशी का जन्म 12 दिसम्बर 1902 को अलमोड़ा जिले में ब्राह्मण परिवार मे हुआ। जोशी जी का परिवार बहुत विद्वान था। इनके बाबा बल्लभचन्द्र जोशी ने अपने अध्ययन के लिए बहुत बड़ा पुस्तकालय अलमोड़ा में खुलवाया था, जिसमें श्रीवृध्दि की इलाचन्द्र जोशी के बड़े भाई डॉ. हेमचन्द्र जोशी ने। आपने विदेशी धरती पर जाकर भाषा विज्ञान में शोध कार्य किया और पहले भाषा वैज्ञानिक हुए जिन्हें डॉक्टर लिखने का…

Posted on: July 11, 2021 Posted by: लिटरेचर इन इंडिया Comments: 0

आचार्य शिवपूजन सहाय

शिवपूजन सहाय (जन्म अगस्त 1893, शाहाबाद, बिहार; मृत्यु- 21 जनवरी 1963, पटना) हिन्दी के प्रसिद्ध उपन्यासकार, कहानीकार, सम्पादक और पत्रकार थे। उन्हें साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में सन १९६० में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। प्रारम्भिक शिक्षा आरा (बिहार) में हुई। फिर १९२१ से कलकत्ता में पत्रकारिता आरम्भ की। 1924 में लखनऊ में प्रेमचंद के साथ ‘माधुरी’ का सम्पादन किया। 1926 से 1933 तक काशी में प्रवास…

Posted on: July 10, 2021 Posted by: लिटरेचर इन इंडिया Comments: 0

आचार्य रामलोचन सरन का जीवन परिचय

आचार्य रामलोचन सरन का प्रारंभिक जीवन बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में 11 फरवरी, 1889 को जन्मे आचार्य रामलोचन सरन एक हिंदी साहित्यकार, व्याकरणविद् और प्रकाशक थे। उन्होंने 1915 में लहेरियासराय, उत्तरी बिहार में और पटना में पुस्तक भंडार की स्थापना की, जिसने लहेरियासराय जैसे अल्पज्ञात स्थान को भारतीय प्रकाशन में प्रमुख बना दिया। उन्होंने 1929 में अपनी प्रकाशन गतिविधियों को पटना में स्थानांतरित कर दिया। उन्होंने सबसे पहले मैथिली लिपि…

Posted on: July 9, 2021 Posted by: लिटरेचर इन इंडिया Comments: 0

आचार्य चतुरसेन शास्त्री

आचार्य चतुरसेन शास्त्री (26 अगस्त 1891 – 2 फ़रवरी 1960) हिन्दी भाषा के एक महान उपन्यासकार थे। इनका अधिकतर लेखन ऐतिहासिक घटनाओं पर आधारित है। इनकी प्रमुख कृतियां गोली, सोमनाथ, वयं रक्षामः और वैशाली की नगरवधू इत्यादि हैं। ‘आभा’, इनकी पहली रचना थी। आचार्य चतुरसेन शास्त्री का जीवन परिचय आचार्य चतुरसेन शास्त्री का जन्म 26 अगस्त 1891 ई॰ को उत्तर प्रदेश के बुलन्दशहर जिले के चांदोख में हुआ था। उनके…

Posted on: July 7, 2021 Posted by: लिटरेचर इन इंडिया Comments: 0

केदारनाथ सिंह का जीवन परिचय

केदारनाथ सिंह (७ जुलाई १९३4 – १९ मार्च २०१८), हिन्दी के सुप्रसिद्ध कवि व साहित्यकार थे। वे अज्ञेय द्वारा सम्पादित तीसरा सप्तक के कवि रहे। भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा उन्हें वर्ष २०१३ का ४९वां ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया गया था। वे यह पुरस्कार पाने वाले हिन्दी के १०वें लेखक थे। केदारनाथ सिंह का जन्म ७ जुलाई १९३४ ई॰ को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के चकिया गाँव में हुआ था। उन्होंने काशी…