कैदी – आचार्य चतुरसेन शास्त्री
‘आप मेरे मुरब्बी और श्रद्धास्पद हैं. आप इतना आग्रह करते हैं, तो मैं सब कहूंगा. निस्सन्देह आपकी कृपा और प्यार को मैं नहीं भूल सकता.…
कविता, कहानी, ग़ज़ल, गीत, पौराणिक, धार्मिक एवं अन्य विधाओं का मायाजाल
‘आप मेरे मुरब्बी और श्रद्धास्पद हैं. आप इतना आग्रह करते हैं, तो मैं सब कहूंगा. निस्सन्देह आपकी कृपा और प्यार को मैं नहीं भूल सकता.…
वर्षा ऋतु थी, लेकिन पानी नहीं बरसता था। हवा बन्द थी। बहुत गर्मी और उमस थी। एक पहर दिन चढ़ चुका था। कभी-कभी धूप चमक…
सहसा मैं काफी गंभीर था, जैसा कि उस व्यक्ति को हो जाना चाहिए, जिस पर एक भारी दायित्व आ गया हो। वह सामने खड़ा था…
हरिधन जेठ की दुपहरी में ऊख में पानी देकर आया और बाहर बैठा रहा। घर में से धुआँ उठता नजर आता था। छन-छन की आवाज…
जोखू ने लोटा मुँह से लगाया तो पानी में सख्त बदबू आयी । गंगी से बोला- यह कैसा पानी है ? मारे बास के पिया…
शिवदास ने भंडारे की कुंजी अपनी बहू रामप्यारी के सामने फेंककर अपनी बूढ़ी आँखों में आँसू भरकर कहा- बहू, आज से गिरस्ती की देखभाल तुम्हारे…
ईश्वरी एक बड़े जमींदार का लड़का था और मैं एक गरीब क्लर्क का, जिसके पास मेहनत-मजूरी के सिवा और कोई जायदाद न थी। हम दोनों…
स्वर्गीय देवनाथ मेरे अभिन्न मित्रों में थे। आज भी जब उनकी याद आती है, तो वह रंगरेलियाँ आँखों में फिर जाती हैं, और कहीं एकांत…
मेरे भाई साहब मुझसे पाँच साल बड़े थे, लेकिन केवल तीन दरजे आगे। उन्होंने भी उसी उम्र में पढ़ना शुरू किया था जब मैने शुरू…
पंडित अयोध्यानाथ का देहांत हुआ तो सबने कहा, ईश्वर आदमी की ऐसी ही मौत दे। चार जवान बेटे थे, एक लड़की। चारों लड़कों के विवाह…
आज बन्दी छूटकर घर आ रहा है। करुणा ने एक दिन पहले ही घर लीप-पोत रखा था। इन तीन वर्षों में उसने कठिन तपस्या करके…
रमजान के पूरे तीस रोजों के बाद ईद आयी है। कितना मनोहर, कितना सुहावना प्रभाव है। वृक्षों पर अजीब हरियाली है, खेतों में कुछ अजीब…