कविता, कहानी, ग़ज़ल, गीत, पौराणिक, धार्मिक एवं अन्य विधाओं का मायाजाल

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माँ – मुंशी प्रेमचंद

आज बन्दी छूटकर घर आ रहा है। करुणा ने एक दिन पहले ही घर लीप-पोत रखा था। इन तीन वर्षों में उसने कठिन तपस्या करके…

ईदगाह – मुंशी प्रेमचंद

रमजान के पूरे तीस रोजों के बाद ईद आयी है। कितना मनोहर, कितना सुहावना प्रभाव है। वृक्षों पर अजीब हरियाली है, खेतों में कुछ अजीब…

पूस की रात – मुंशी प्रेमचंद

हल्कू ने आकर स्त्री से कहा- सहना आया है, लाओ, जो रुपये रखे हैं, उसे दे दूँ, किसी तरह गला तो छूटे । मुन्नी झाड़ू…

अलग्योझा – मुंशी प्रेमचंद

भोला महतो ने पहली स्त्री के मर जाने बाद दूसरी सगाई की तो उसके लड़के रग्घू के लिये बुरे दिन आ गये। रग्घू की उम्र…

हरिशंकर परसाई की आत्महत्या

  बात उन दिनों की है जब शक्तिमान और रामायण धारावाहिक शुरू नहीं हुए थे. जब कम्प्यूटर भारत में नहीं आया था और न ही…

शहर से गाँव

शहर से गाँव और गाँव से शहर की यात्रा में ज़िंदगी खो-सी गयी। गाँव में घर से स्कूल का बस्ता लेकर निकला हर इंसान यही…

मुंशी प्रेमचंद की जीवनी

प्रेमचंद का जन्म ३१ जुलाई १८८० को वाराणसी जिले (उत्तर प्रदेश) के लमही गाँव में एक कायस्थ परिवार में हुआ था। उनकी माता का नाम…

हिंदू मां का मुस्लिम बेटा हरिद्वार से लौटा है

यह कहानी काल्पनिक नहीं है। यह कहानी राजस्थान के नीमकाथाना की है, जिसके पड़ोसी राज्य से शुरू हुआ नफरत और बंटवारे का कारोबार आज पूरे…

नागरिकता संशोधन विधेयक

लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पर बहस के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने यों तो बड़ा ओजस्वी और तार्किक भाषण दिया, किंतु…

भूले-बिसरे रचनाकार : अजित कुमार

अजित कुमार का जन्म 9 जून 1933, उत्तर प्रदेश के उन्नाव में एक जमींदार परिवार में हुआ था| उनकी मां सुमित्रा कुमारी सिन्हा, बहन कीर्ति…

प्रेम – अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’

उमंगों भरा दिल किसी का न टूटे। पलट जायँ पासे मगर जुग न फूटे। कभी संग निज संगियों का न छूटे। हमारा चलन घर हमारा…

भूले-बिसरे रचनाकार : डॉ असग़र वजाहत

मूलतः और प्रथमतः असग़र वजाहत कहानीकार हैं। कहानी के बाद उन्होंने गद्य साहित्य की लगभग सभी विधाओं में लेखन किया और अपने लिए हमेशा नए…

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